1. गर्भ में पेट दर्द या मरोड़ क्या होता है?
गर्भ के दौरान पेट में में जकड़न या ऐंठन को मरोड़ कहते हैं| आपके गर्भ में पलते बच्चे से गर्भ का आकार बड़ा होता है| यह अगल- बगल के अंग, आंत, मांस-पेशियों, लिगामेंट और अन्य चीजों पर भार और तनाव डालता है| इस कारण से पेट में दर्द होता है|
गर्भ के दौरान पेट में में जकड़न या ऐंठन को मरोड़ कहते हैं| आपके गर्भ में पलते बच्चे से गर्भ का आकार बड़ा होता है| यह अगल- बगल के अंग, आंत, मांस-पेशियों, लिगामेंट और अन्य चीजों पर भार और तनाव डालता है| इस कारण से पेट में दर्द होता है|
2. क्या इसके लिए डॉक्टर के पास जाना चाहिए?
हल्का दर्द जो कुछ समय के लिए रहता है, और आते जाते रहता है, वो गर्भ में सामान्य है| किंतु, अत्यधिक दर्द जो असहनीय हो, या अंत न हो रहा है, सदैव असमान्य होता है और इसके लिए आप तुंरत अपने डॉक्टर से दिखलायें| यह कहना मुश्किल है की असहनीय दर्द किसको कहते हैं, क्योंकि हर व्यक्ति का सहनशक्ति अलग होता है| इस लिए अगर साथ में और भी कोई लक्षण हैं तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए| ये लक्षण हो सकते हैं - बुखार, वाजिना से खून गिरना, वजीना से पानी या मवाद गिरना, चक्कर आना, कमजोरी लगना इत्यादि|
3. गर्भ सम्बंधित पेट दर्द अन्य किन कारणों से हो सकता है
गर्भ सम्बंधित पेट दर्द होने के अनेक कारण हो सकते हैं| ये गर्भावस्था के अनुसार बदलते रहते हैं| इसीलिए सही जानकारी हो होना बेहद आवश्यक है|
इम्प्लांटेशन (implantation) का मतलब होता है पहले हफ्ते में नवजात एमब्र्यो (बीज) का युटेरस के दीवाल में लग जाना| यह गर्भ के शुरूआती अवस्था में होता है| कभी कभार इसके साथ वजीना से हल्का खून गिर सकता है|
युटेरस के बढने से अगल बगल के अंगों पर दवाब और युटेरस के खींचने से होता है| यह मामूली दर्द होता है, जो की सामान्य होता है|
कब्जियत - यह आम बात है की युटेरस के आंतों पर दवाब होने से कभी-कभार कब्जियत हो जाए| इसके लिए अधिक पानी पीना चाहिए और खाने में हरे पत्तियों को बढाना चाहिए|
पेट में जलन या एसिडिटी (gastric acidity) बढ़ते युटेरस के असर से पेट पर भी दवाब पड़ता है| इससे पचा हुआ खाना विपरीत दिशा में खाने के नली से मुहं के तरफ जाने लगता है| इससे पेट में जलन का अनुभव होता है| यह सामान्य स्थिती है|
पेट दर्द के साथ वजीना से अधिक खून गिर रहा है - सावधान, यह गर्भपात का निशानी हो सकता है| तुंरत अपने डॉक्टर से संपर्क करें| अफ़सोस कि इस स्थिती में अधिक कुछ नहीं किया जा सकता है|
पेट दर्द, अत्याधिक खून गिरना या बेहोशी छाना - यह एक्टोपिक गर्भ (ectopic pregnancy) या बच्चादानी के बाहर गर्भ ठहरने के कारण हो सकता है| तुंरत डॉक्टर के पास जायें, क्योंकि इसमें मां के जान को खतरा हो सकता है| यह दर्द अधिकतर एक तरफ होते रहता है, और गर्भ के ठीक बीच में नहीं स्थित होता है|
क्रेम्पिंग या लेबर पेन्स (Labor pains) - जब प्रसव का समय आता है तो पेट में दर्द एक विशेष तरीके से आता है| यह साधारण रूप में गर्भावस्था के अंत (full term) में आता है| यह दर्द हर 5 मिनट पर आता है| इसमें तेज दर्द उठता है जैसे कि पीठ दर्द हो या मासिक धर्म हो| इसके साथ वजीना से पानी या खून भी गिर सकता है| अगर आप इस स्थिती हैं, तो तुंरत अस्पताल जायें| कभी कभार यह गर्भ के अंत से पहले भी हो सकता है, जिसे प्रीमेट्योर लेबर पेन्स (premature labor pains) कहते हैं| इसमें बच्चा समय से पहले (preterm baby) पैदा हो सकता है, और इसीलिए तुंरत अस्पताल जायें|
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