Thursday 26 October 2017

Acupressure Points

*एक्युप्रेशर विधि के फायदे / Acupressure Points in Hindi*

 *हाथों के पाइंटस, जोड़ों को दबाना / Hand Pressure Points*

शरीर में दर्द, तनाव महसूस करने पर हाथों उगलियों के जोड़ों, उगलियों के हथेली पाईटों जोड़ों, हथेली के मध्य-बीच में 5-6 मिनट तीनो वक्त रोज दबाकर समस्याओं से आसानी से आराम पाया जा सकता है। यह एक्युप्रेशन प्रद्धति दर्द निवारण, दिमाग तनाव मुक्त रखने में कारगर है। जो लोग नित्य एक्युप्रेशर विधि करते हैं, वे समस्य विकारों से मुक्त रहते हैं।

*हाथ रगड़ना मलना / Hand Pressure Points*

दिन में 8-10 बार दोनों हाथों की हथेली को रगड़कर चेहरे पर मलें। इससे चेहरे त्वचा पर गर्माहट महसूस होगी। ऐसा करने से रक्त संचार सुचारू रहता है और साथ में उगलियों, हथेली, चेहरे त्वचा सम्बन्धित विकार हमेशा दूर रहते हैं। जिन लोगों को सर्दी, बदलते मौसम में, उगलियों में दर्द, सूजन की शिकायत रहती है। उनके लिए हाथों को रगड़कर चेहरे, गालो, हाथों को मलना फायदेमंद है।

*सरदर्द दूर एक्युप्रेशर / Pressure Points in Hand for Headache*

जिन लोगों को सरदर्द की समस्या रहती है। उनके लिए एक्युप्रेशर विधि तुरन्त फायदेमंद है। दोनों हाथों के अंगूठों से कानों को बन्दकर उगंलिया से माथा और सिर दबायें। यह सददर्द निवारण के आरामदायक एक्युप्रेशर विधि है।

*आंखों की भौं को दबायें / Eyebrow Pressure Points*

रोज सुबह उठकर आंखों की भौं - आईब्रो, आंखों के ठीक नीचें दानों हाथों से दबायें। और हाथ मले। यह एक तरह से तनाव, शरीर दर्द, साइनस निवारण का तरीका है। आंखों की भौंऐ दबाने से मस्तिष्क  तनाव मुक्त स्वस्थ रखने में सहायक है।

*नांक के निचला हिस्सा दबाना / Nose Pressure Points*

तनाव, शरीर में दर्द जकड़न समस्या महसूसस होने पर रोज आंखें बन्दकर दोनों हाथों से हल्के से दोनों आंखे 40-50 सेकेंड के लिए दबायें। यह एक तरह से आंखों के दोष, तनाव मुक्त, मस्तिष्क विकार स्ट्रोक, साइनस विकार / Sinus Infection  दूर करने का अच्छा तरीका है। हर तरह की Nasal Congestion समस्याओं को दुरूस्त करने में खास सहायक है।

*ठोडी़ दबायें / Chin points*

ठोडी, होठों के ठीक नीचे हाथ से पकड़कर रोज 10-15 सेकेंड़ तक दबायें और गर्दन हल्का ऊपर नीचे करें। ठोडी दबाने और गला साथ में गला सिर ऊपर नीचे करने से कंठ, सांस विकार दूर रखने में सहायक है।

*कंधें, बाहें दबाये / Shoulder, Arm Points*

कंधों, बाहों को हल्का हल्का दबायें। कंधे, बाहों शरीर में रक्त संचार सुचार करने मुख्य हिस्सा है। कंधे, वाहों को दबाने से शरीर दर्द, मस्तिक तनाव दूर करने का अच्छा तरीका है। इससे शरीर को तुरन्त आराम और एक तरह का सुगम अहसास होता है।

 *दोनों हाथों से कानों के नीचे गर्दन दबाना / Ears, Neck Points*

दोनों हाथों की उगंलियां आपस में फंसाकर सिर के पीछे, ठीक कानों के नीचे गर्दन दबाने से कमर दर्द और कान विकार ये आराम मिलता है।

*पैरो नसों के खिचाव तनाव प्रेशर विधि दूर करे / Nerves, Strain*

चटाई, मैट में बैठकर पैर फैलाकर बैठे। फिर हाथों से घुटने को इस तरह से पकड़े कि जिससे अंगूठा ऊपर घुटना पर और चारों उंगलियां घुटने के पीछे पसलियों नसों को दबायें। पसलियों, घुटनों दर्द, सिंचाव से निजात पाने का अच्छा तरीका है।

*बाॅडी मसाज / Body Massage*

शरीर को दर्द मुक्त और मस्तिष्क तनाव मुक्त रखने में बाॅडी मसाज खास सहायक है। परे शरीर पर बाॅडी मसाज एक्सपर्ट जानकार से करवायें।

*नंगे पांव कंकड़ पत्थरों पर चलना / Walking Barefoot*

नंगे पांव कंकड़ पत्थरों पर चलना एक तरह से पांव के तलों के पाईटस बिन्दुओं पर प्रेशर पड़ता है। पांव के तले पाईटस का शरीर से महत्वपूर्ण जुड़ाव है। नंगे पाव चलने से रक्त संचार तीब्र हो जाता है। जिससे कई तरह के रोगों जैसे सरदर्द, नसों में ब्लोकेज, हार्ट समस्याऐ, तनाव इत्यादि से छुटकारा दिलाने में खास सहायक है।

*एक्युप्रेशर पैड, चप्पल / Acupressure Slippers*

बाजार में एक्युप्रेशर पैड, चप्पले उपलब्ध हैं। एक्युप्रेशर पैड जूतों के अन्दर पहनकर, और एक्युप्रेशर काटें वाली चप्पले पहनकर चलने से पांव की नीचे बने खास पाईटस आसानी से सक्रीय हो जाते हैं

Sendha namak

*सेंधा नमक : भारत से कैसे गायब कर दिया गया*।।।

💝आप सोच रहे होंगे की ये सेंधा नमक बनता कैसे है ?? आइये आज हम आपको बताते हैं कि नमक मुख्य कितने प्रकार होते हैं !!एक होता है समुद्री नमक दूसरा होता है सेंधा नमक (rock slat) !!सेंधा नमक बनता नहीं है पहले से ही बना बनाया है !! पूरे उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में खनिज पत्थर के नमक को ‘सेंधा नमक’ या ‘सैन्धव नमक’, लाहोरी नमक आदि आदि नाम से जाना जाता है ! जिसका मतलब है ‘सिंध या सिन्धु के इलाक़े से आया हुआ’। वहाँ नमक के बड़े बड़े पहाड़ है सुरंगे है !! वहाँ से ये नमक आता है ! मोटे मोटे टुकड़ो मे होता है आजकल पीसा हुआ भी आने लगा है यह ह्रदय के लिये उत्तम, दीपन और पाचन मे मददरूप, त्रिदोष शामक, शीतवीर्य अर्थात ठंडी तासीर वाला, पचने मे हल्का है । इससे पाचक रस बढ़्ते हैं। _तों अंत आप ये समुद्री नमक के चक्कर से बाहर निकले ! काला नमक ,सेंधा नमक प्रयोग करे !!_ क्यूंकि ये प्रकर्ति का बनाया है ईश्वर का बनाया हुआ है !! और सदैव याद रखे इंसान जरूर शैतान हो सकता है लेकिन भगवान कभी शैतान नहीं होता !!
💝आयोडीन के नाम पर हम जो नमक खाते हैं उसमें कोर्इ तत्व नहीं होता। आयोडीन और फ्रीफ्लो नमक बनाते समय नमक से सारे तत्व निकाल लिए जाते हैं और उनकी बिक्री अलग से करके बाजार में सिर्फ सोडियम वाला नमक ही उपलब्ध होता है जो आयोडीन की कमी के नाम पर पूरे देश में बेचा जाता है, जबकि आयोडीन की कमी सिर्फ पर्वतीय क्षेत्रों में ही पार्इ जाती है इसलिए आयोडीन युक्त नमक केवल उन्ही क्षेत्रों के लिए जरुरी है।
💝भारत मे 1930 से पहले कोई भी समुद्री नमक नहीं खाता था विदेशी कंपनीया भारत मे नमक के व्यापार मे आज़ादी के पहले से उतरी हुई है , उनके कहने पर ही भारत के अँग्रेजी प्रशासन द्वारा भारत की भोली भली जनता को आयोडिन मिलाकर समुद्री नमक खिलाया जा रहा है
💝हुआ ये कि जब ग्लोबलाईसेशन के बाद बहुत सी विदेशी कंपनियो (अनपूर्णा,कैपटन कुक ) ने नमक बेचना शुरू किया तब ये सारा खेल शुरू हुआ ! अब समझिए खेल क्या था ?? खेल ये था कि विदेशी कंपनियो को नमक बेचना है और बहुत मोटा लाभ कमाना है और लूट मचानी है तो पूरे भारत मे एक नई बात फैलाई गई कि आओडीन युक्त नामक खाओ , आओडीन युक्त नमक खाओ ! आप सबको आओडीन की कमी हो गई है ! ये सेहत के लिए बहुत अच्छा है आदि आदि बातें पूरे देश मे प्रायोजित ढंग से फैलाई गई !! और जो नमक किसी जमाने मे 2 से 3 रूपये किलो मे बिकता था ! उसकी जगह आओडीन नमक के नाम पर सीधा भाव पहुँच गया 8 रूपये प्रति किलो ! और आज तो 20 रूपये को भी पार कर गया है !
💝दुनिया के 56 देशों ने अतिरिक्त आओडीन युक्त नमक 40 साल पहले ban कर दिया अमेरिका मे नहीं है जर्मनी मे नहीं है फ्रांस मे नहीं ,डेन्मार्क मे नहीं , यही बेचा जा रहा है डेन्मार्क की सरकार ने 1956 मे आओडीन युक्त नमक बैन कर दिया क्यों ?? उनकी सरकार ने कहा हमने मे आओडीन युक्त नमक खिलाया !(1940 से 1956 तक ) अधिकांश लोग नपुंसक हो गए ! जनसंख्या इतनी कम हो गई कि देश के खत्म होने का खतरा हो गया ! उनके वैज्ञानिको ने कहा कि आओडीन युक्त नमक बंद करवाओ तो उन्होने बैन लगाया ! और शुरू के दिनो मे जब हमारे देश मे ये आओडीन का खेल शुरू हुआ इस देश के बेशर्म नेताओ ने कानून बना दिया कि बिना आओडीन युक्त नमक बिक नहीं सकता भारत मे !! वो कुछ समय पूर्व किसी ने कोर्ट मे मुकदमा दाखिल किया और ये बैन हटाया गया
💝आज से कुछ वर्ष पहले कोई भी समुद्री नमक नहीं खाता था सब सेंधा नमक ही खाते थे !
💝सेंधा नमक के उपयोग से रक्तचाप और बहुत ही गंभीर बीमारियों पर नियन्त्रण रहता है ।! क्योंकि ये अम्लीय नहीं ये क्षारीय है (alkaline ) !! क्षारीय चीज जब अमल मे मिलती है तो वो न्यूटल हो जाता है ! और रक्त अमलता खत्म होते ही शरीर के 48 रोग ठीक हो जाते हैं ! ये नामक शरीर मे पूरी तरह से घुलनशील है ! और सेंधा नमक की शुद्धता के कारण आप एक और बात से पहचान सकते हैं कि उपवास ,व्रत मे सब सेंधा नमक ही खाते है ! तो आप सोचिए जो समुंदरी नमक आपके उपवास को अपवित्र कर सकता है वो आपके शरीर के लिए कैसे लाभकारी हो सकता है ?? सेंधा नमक शरीर मे 97 पोषक तत्वो की कमी को पूरा करता है ! इन पोषक तत्वो की कमी ना पूरी होने के कारण ही लकवे (paralysis ) का अटैक आने का सबसे बढ़ा जोखिम होता है सेंधा नमक के बारे में आयुर्वेद में बोला गया है कि यह आपको इसलिये खाना चाहिए क्योंकि सेंधा नमक वात, पित्त और कफ को दूर करता है। यह पाचन में सहायक होता है और साथ ही इसमें पोटैशियम और मैग्नीशियम पाया जाता है जो हृदय के लिए लाभकारी होता है। यही नहीं आयुर्वेदिक औषधियों में जैसे लवण भाष्कर, पाचन चूर्ण आदि में भी प्रयोग किया जाता है।
💝समुद्री नमक💝:-ये जो समुद्री नमक है आयुर्वेद के अनुसार ये तो अपने आप मे ही बहुत खतरनाक है ! क्योंकि कंपनियाँ इसमे अतिरिक्त आओडीन डाल रही है !! अब आओडीन भी दो तरह का होता है एक तो भगवान का बनाया हुआ जो पहले से नमक मे होता है ! दूसरा होता है industrial iodine ! ये बहुत ही खतरनाक है ! तो समुद्री नमक जो पहले से ही खतरनाक है उसमे कंपनिया अतिरिक्त industrial iodine डाल को पूरे देश को बेच रही है ! जिससे बहुत सी गंभीर बीमरिया हम लोगो को आ रही है ! ये नमक मानव द्वारा फ़ैक्टरियों मे निर्मित है !
💝आम तौर से उपयोग मे लाये जाने वाले समुद्री नमक से उच्च रक्तचाप (high BP ) ,डाइबिटीज़, आदि गंभीर बीमारियो का भी कारण बनता है । इसका एक कारण ये है कि ये नमक अम्लीय (acidic) होता है ! जिससे रक्त अम्लता बढ़ती है और रक्त अमलता बढ्ने से ये सब 48 रोग आते है ! ये नमक पानी कभी पूरी तरह नहीं घुलता हीरे (diamond ) की तरह चमकता रहता है इसी प्रकार शरीर के अंदर जाकर भी नहीं घुलता और अंत इसी प्रकार किडनी से भी नहीं निकल पाता और पथरी का भी कारण बनता है ! और ये नमक नपुंसकता और लकवा (paralysis ) का बहुत बड़ा कारण है समुद्री नमक से सिर्फ शरीर को 4 पोषक तत्व मिलते है ! और बीमारिया जरूर साथ मे मिल जाती है !
💝रिफाइण्ड नमक में 98% सोडियम क्लोराइड ही है शरीर इसे विजातीय पदार्थ के रुप में रखता है। यह शरीर में घुलता नही है। इस नमक में आयोडीन को बनाये रखने के लिए Tricalcium Phosphate, Magnesium Carbonate, Sodium Alumino Silicate जैसे रसायन मिलाये जाते हैं जो सीमेंट बनाने में भी इस्तेमाल होते है। विज्ञान के अनुसार यह रसायन शरीर में रक्त वाहिनियों को कड़ा बनाते हैं🌹 जिससे ब्लाक्स बनने की संभावना और आक्सीजन जाने मे परेशानी होती है🌹 जोड़ो का दर्द और गढिया, प्रोस्टेट आदि होती है। आयोडीन नमक से पानी की जरुरत ज्यादा होती है। 1 ग्राम नमक अपने से 23 गुना अधिक पानी खींचता है। यह पानी कोशिकाओ के पानी को कम करता है। इसी कारण हमें प्यास ज्यादा लगती है।
🌹🙏🏻 निवेदन 🙏🏻🌹:पांच हजार साल पुरानी आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में भी भोजन में सेंधा नमक के ही इस्तेमाल की सलाह दी गई है। भोजन में नमक व मसाले का प्रयोग भारत, नेपाल, चीन, बंगलादेश और पाकिस्तान में अधिक होता है। आजकल बाजार में ज्यादातर समुद्री जल से तैयार नमक ही मिलता है। जबकि 1960 के दशक में देश में लाहौरी नमक मिलता था। यहां तक कि राशन की दुकानों पर भी इसी नमक का वितरण किया जाता था। स्वाद के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता था। समुद्री नमक के बजाय सेंधा नमक का प्रयोग होना चाहिए।
💝आप इस अतिरिक्त आओडीन युक्त समुद्री नमक खाना छोड़िए और उसकी जगह सेंधा नमक खाइये !! सिर्फ आयोडीन के चक्कर में समुद्री नमक खाना समझदारी नहीं है, क्योंकि जैसा हमने ऊपर बताया आओडीन हर नमक मे होता है सेंधा नमक मे भी आओडीन होता है बस फर्क इतना है इस सेंधा नमक मे प्राकृतिक के द्वारा भगवान द्वारा बनाया आओडीन होता है इसके इलावा आओडीन हमें आलू, अरवी के साथ-साथ हरी सब्जियों से भी मिल जाता है।✍🏻🇮🇳🌿🌤

Coconut ke labh

🍎 *क्या आप नकसीर, अनिद्रा और पेट जैसी कई समस्याओं से परेशान हे तो करे नारियल का सेवन* ** 🍎

🍎नारियल के लाभ---👇

🔰नकसीर के लिए:--
नकसीर की समस्या कई लोगों को हो सकती है। नाक से खून निकलने पर कच्चे नारियल का पानी का सेवन नियमित रूप से करना फायदेमंद होता है। अगर खाली पेट नारियल का सेवन किया जाए तो खून का बहाव बंद हो जाता है।
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🔰दिमाग के लिए:--
नारियल खाने से याद्दाश्त बढती है। नारियल की गरी में बादाम, अखरोट एवं मिश्री मिलाकर हर रोज खाने से स्मृति में बढती है। बच्चों को नारियल खिलाना चाहिए, इससे बच्चों का दिमागी विकास होता है।
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🔰मुंहासे के लिए:--
मुंहासों से निजात दिलाने में भी नारियल बहुत फायदेमंद होता है। नारियल के पानी में खीरे का रस मिलाकर सुबह-शाम नियमित रूप से लगाने से चेहरे के दाग-धब्बे मिटते हैं और चेहरा सुंदर एवं चमकदार होता है। नारियल के तेल में नींबू का रस अथवा ग्लिसरीन मिलाकर चेहरे पर लेप करने से भी मुंहासे समाप्त होते हैं।
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🔰वजन घटाने के लिए:--
मोटापा कम करने में नारियल बहुत फायदेमंद है। नारियल में कोलेस्ट्रॉल और वसा नहीं होता है। इसलिए नारियल का सेवन करके वजन को घटाया जा सकता है। मोटे लोगों को नारियल का सेवन करना चाहिए।
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🔰अच्छी नींद के लिए:--
अगर नींद न आने की समस्या है तो नारियल का सेवन कीजिए। नियमित रूप से रात के खाने के बाद आधा गिलास नारियल का पानी पीना चाहिए। इससे नींद न आने की समस्या खतम होती है और नींद अच्छी आती है।
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🔰सिरदर्द के लिए:--
नारियल तेल में बादाम को मिलाकर तथा बारीक पीसकर सिर पर लेप लगाना चाहिए। इससे सिरदर्द में तुरंत आराम होता है।
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🔰रूसी के लिए :--
बालों में रूसी की समस्या के लिए नारियल का तेल बहुत फायदेमंद है। नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर बालों में लगाने से रूसी एवं खुश्की से छुटकारा मिलता है।
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🔰पेट के लिए :--
पेट में कीड़े होने पर सुबह नाश्ते के समय एक चम्मच पिसा हुआ नारियल का सेवन करने से पेट के कीडे बहुत जल्दी मर जाते हैं।
🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼
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Wednesday 25 October 2017

70 Positive points

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1:- जीवन में वो ही व्यक्ति असफल होते है, जो सोचते है पर करते नहीं ।

2 :- भगवान के भरोसे मत बैठिये क्या पता भगवान आपके भरोसे बैठा हो…

3 :- सफलता का आधार है सकारात्मक सोच और निरंतर प्रयास !!!

4 :- अतीत के ग़ुलाम नहीं बल्कि भविष्य के निर्माता बनो…

5 :- मेहनत इतनी खामोशी से करो की सफलता शोर मचा दे…

6 :- कामयाब होने के लिए अकेले ही आगे बढ़ना पड़ता है, लोग तो पीछे तब आते है जब हम कामयाब होने लगते है.

7 :- छोड़ दो किस्मत की लकीरों पे यकीन करना, जब लोग बदल सकते हैं तो किस्मत क्या चीज़ है…

8 :- यदि हार की कोई संभावना ना हो तो जीत का कोई अर्थ नहीं है…

9 :- समस्या का नहीं समाधान का हिस्सा बने…

10 :- जिनको सपने देखना अच्छा लगता है उन्हें रात छोटी लगती है और जिनको सपने पूरा करना अच्छा लगता है उनको दिन छोटा लगता है…

11 :- आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते पर आप अपनी आदतें बदल सकते है और निशचित रूप से आपकी आदतें आपका भविष्य बदल देगी !

12 :- एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जानें के बाद दूसरा सपना देखने के हौसले को ज़िंदगी कहते है !!!

13 :- वो सपने सच नहीं होते जो सोते वक्त देखें जाते है, सपने वो सच होते है जिनके लिए आप सोना छोड़ देते है…

14 :- सफलता का चिराग परिश्रम से जलता है !!!

15 :- जिनके इरादे बुलंद हो वो सड़कों की नहीं आसमानो की बातें करते है…

16 :- सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं…

17 :- मैं तुरंत नहीं लेकिन निश्चित रूप से जीतूंगा…

18 :- सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगें लोग…

19 :- आशावादी हर आपत्तियों में भी अवसर देखता है और निराशावादी बहाने !!!

20 :- आप में शुरू करने की हिम्मत है तो, आप में सफल होने के लिए भी हिम्मत है…

21 :- सच्चाई वो दिया है जिसे अगर पहाड़ की चोटी पर भी रख दो तो बेशक रोशनी कम करे पर दिखाई बहुत दूर से भी देता है.

22 :- संघर्ष में आदमी अकेला होता है, सफलता में दुनिया उसके साथ होती है ! जिस जिस पर ये जग हँसा है उसी उसी ने इतिहास रचा है.

23 :- खोये हुये हम खुद है और ढूढ़ते ख़ुदा को है !!!

24 :- कामयाब लोग अपने फैसले से दुनिया बदल देते है और नाकामयाब लोग दुनिया के डर से अपने फैसले बदल लेते है…

25 :- भाग्य को और दूसरों को दोष क्यों देना जब सपने हमारे है तो कोशिशें भी हमारी होनी चाहियें !!!

26 :- यदि मनुष्य सीखना चाहे तो उसकी प्रत्येक भूल उसे कुछ न कुछ सिखा देती है !!!

27 :- झूठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फड़ाते है तरक्की के बाज़ की उड़ान में कभी आवाज़ नहीं होती…

28 :- समस्या का सामना करें, भागे नहीं, तभी उसे सुलझा सकते हैं…

29 :- परिवर्तन से डरना और संघर्ष से कतराना मनुष्य की सबसे बड़ी कायरता है.

30 :- सुंदरता और सरलता की तलाश चाहे हम सारी दुनिया घूम के कर लें लेकिन अगर वो हमारे अंदर नहीं तो फिर सारी दुनिया में कहीं नहीं है.

31 :- ना किसी से ईर्ष्या ना किसी से कोई होड़, मेरी अपनी मंज़िलें मेरी अपनी दौड़…

32 :- ये सोच है हम इंसानों की कि एक अकेला क्या कर सकता है, पर देख ज़रा उस सूरज को वो अकेला ही तो चमकता है !!!

33 :- लगातार हो रही असफलताओं से निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि कभी कभी गुच्छे की आखिरी चाबी भी ताला खोल देती है…

34 :- जल्द मिलने वाली चीजें ज्यादा दिन तक नहीं चलती और जो चीजें ज्यादा दिन तक चलती है वो जल्दी नहीं मिलती है.

35 :- इंसान तब समझदार नहीं होता जब वो बड़ी बड़ी बातें करने लगे, बल्कि समझदार तब होता है जब वो छोटी छोटी बातें समझने लगे…

36 :- सेवा सभी की करना मगर आशा किसी से भी ना रखना क्योंकि वे सेवा का वास्तविक मूल्य नही दे सकते है,

37 :- मुश्किल वक्त का सबसे बड़ा सहारा है “उम्मीद” !! जो एक प्यारी सी मुस्कान दे कर कानों में धीरे से कहती है “सब अच्छा होगा” !!

38 :- दुनिया में कोई काम असंभव नहीं, बस हौसला और मेहनत की जरुरत है !!!

39 :- वक्त आपका है चाहे तो सोना बना लो और चाहे तो सोने में गुजार दो, दुनिया आपके उदाहरण से बदलेगी आपकी राय से नहीं…

40 :- बदलाव लाने के लिए स्वयं को बदले…

41 :- सफल व्यक्ति लोगों को सफल होते देखना चाहते है, जबकि असफल व्यक्ति लोगों को असफल होते देखना चाहते है…

42 :- घड़ी सुधारने वाले मिल जाते है लेकिन समय खुद सुधारना पड़ता है !!!

43 :- दुनिया में सब चीज मिल जाती है केवल अपनी ग़लती नहीं मिलती…

44 :- क्रोध और आंधी दोनों बराबर… शांत होने के बाद ही पता चलता है की कितना नुकसान हुवा…

45 :- चाँद पे निशान लगाओ, अगर आप चुके तो सितारों पे तो जररू लगेगा !!!
46 :- गरीबी और समृद्धि दोनों विचार का परिणाम है…

47 :- पसंदीदा कार्य हमेशा सफलता, शांति और आनंद ही देता है…

48 :- जब हौसला बना ही लिया ऊँची उड़ान का तो कद नापना बेकार है आसमान का…

49 :- अपनी कल्पना को जीवन का मार्गदर्शक बनाए अपने अतीत को नहीं…

50 :- समय न लागओ तय करने में आपको क्या करना है, वरना समय तय कर लेगा की आपका क्या करना है.

51 :- अगर तुम उस वक्त मुस्कुरा सकते हो जब तुम पूरी तरह टूट चुके हो तो यकीन कर लो कि दुनिया में तुम्हें कभी कोई तोड़ नहीं सकता !!!

52 :- कल्पना के बाद उस पर अमल ज़रुर करना चाहिए। सीढ़ियों को देखते रहना ही पर्याप्त नहीं है, उन पर चढ़ना भी ज़रुरी है।

53 :- हमें जीवन में भले ही हार का सामना करना पड़ जाये पर जीवन से कभी नहीं हारना चाहिए…

54 :- सीढ़ियां उन्हें मुबारक हो जिन्हें छत तक जाना है, मेरी मंज़िल तो आसमान है रास्ता मुझे खुद बनाना है !!!

55 :- हजारों मील के सफ़र की शुरुआत एक छोटे कदम से होती है…

56 :- मनुष्य वही श्रेष्ठ माना जाएगा जो कठिनाई में अपनी राह निकालता है ।

57 :- पुरुषार्थ से असंभव कार्य भी संभव हो जाता है…

58 :- प्रतिबद्ध मन को कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है, पर अंत में उसे अपने परिश्रम का फल मिलेगा ।

59 :- असंभव समझे जाने वाला कार्य संभव करके दिखाये, उसे ही प्रतिभा कहते हैं ।

60 :- आने वाले कल को सुधारने के लिए बीते हुए कल से शिक्षा लीजिए…

61 :- जो हमेशा कहे मेरे पास समय नहीं है, असल में वह व्यस्त नहीं बल्कि अस्त-व्यस्त है ।

62 :- कठिनाइयाँ मनुष्य के पुरुषार्थ को जगाने आती हैं…

63 :- क्रोध वह हवा है जो बुद्धि के दीप को बुझा देती है ।

64 :- आपका भविष्य उससे बनता है जो आप आज करते हैं, उससे नहीं जो आप कल करेंगे…

65 :- बन सहारा बे सहारों के लिए बन किनारा बे किनारों के लिए, जो जिये अपने लिए तो क्या जिये जी सको तो जियो हजारों के लिए ।

66 :- चाहे हजार बार नाकामयाबी हो, कड़ी मेहनत और सकारात्मक सोच के साथ लगे रहोगे तो अवश्य सफलता तुम्हारी है…

67 :- खुद की तरक्की में इतना समय लगा दो, कि किसी और की बुराई का वक्त ही ना मिले !!!

68 :- प्रगति बदलाव के बिना असंभव है, और जो अपनी सोच नहीं बदल सकते वो कुछ नहीं बदल सकते…

69 :- खुशी के लिए काम करोगे तो ख़ुशी नहीं मिलेगी, लेकिन खुश होकर काम करोगे, तो ख़ुशी और सफलता दोनों ही मिलेगी ।

70 :- पराजय तब नहीं होती जब आप गिर जाते हैं, पराजय तब होती है जब आप उठने से इनकार कर देते हैं ।
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SSC Exam Question

SSC परीक्षा में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
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* सबसे हल्की धातु है - लिथियम

* सबसे भारी धातु है - ओसमियम

* सबसे कठोर धातु है - प्लेटिनम

* सबसे कठोर पदार्थ है - हीरा

* सबसे उत्तम कोयला है - एन्थ्रासाइट

* जल का शुद्ध रूप है - वर्षा का जल

* मार्श गैस कहलाता है - मीथेन

* नोबेल गैस कहलाता है - हीलियम

* विधुत धारा मापी जाती है - आमीटर से

* पारा का प्रमुख अयस्क है - सिनेबार

1 टेलीविजन का अविष्कार किया-जे. एल. बेयर्ड (John Logie Baird)

2 रडार का अविष्कार किया-टेलर एवं यंग

3 गुरूत्वाकर्षण की खोज किसने किया-न्युटन ने

4 सिरका व अचार में कौन सा अम्ल होता है-एसिटिक अम्ल

5 निबू एवं नारंगी में कौन सा अम्ल होता है-साइट्रिक अम्ल

6 दूध खट्टा होता है-उसमें उपस्थित लैक्टिक अम्ल के कारण

7 मतदाताओं के हाथ में लगाये जाने वाली स्याही होती है-सिल्वर नाइट्रेट

8 पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमती है-पश्चिम से पूर्व की ओर

9 प्याज व लहसुन में गंध होता है-उसमें उपस्थित पोटैशियम के कारण

10 x-किरणों की खोज की-रोन्ट्जन ने

11 स्कूटर के अविष्कारक-ब्राड शा

12 रिवाल्वर के अविष्कारक-कोल्ट

13 समुद्र की गहराई नापते हैं-अल्टी मीटर द्वारा

14 डी.एन. ए. संरचना का माडल दिया-वाटशन व क्रिक ने

15 प्रयोगशाला में बनने वाला पहला तत्व-यूरिया

16 टेलिफोन के अविष्कारक-ग्राहम बेल

17 भारत द्वारा छोडा गया पहला उपग्रह-आर्य भट्ट

18 पेन्सिलीन की खोज की-एलेक्जेन्डर फ्लेमिंग ने

19 चेचक के टीके की खोज की-जेनर ने

20 जीव विज्ञान के जन्मदाता-अरस्तु

21 डाइनामाइट के अविष्कारक-अल्फ्रेड नोबल

22 चन्द्रमा पर उतरने वाला पहला आदमी-नील आर्म स्ट्रांग

23 अंतरिक्ष में जाने वाले पहले आदमी-यूरी गगारिन

24 सबसे बडी हड्डी-फीमर जांघ की

25 सबसे छोटी-स्टेपिज कान की

26 संसार का सबसे बडा पुष्प-रेफ्लेसीया

27 किस विटामिन में कोबाल्ट होता है-B12

28 एनिमिया किस विटामिन से ठीक हो जाता है- B12

29 रतौधी रोग किस विटामिन के कमी से होता है-विटामिनA

30 विटामिन B की कमी से कौन सा रोग होता है-बेरी बेरी

31 टायफायड से शरीर का कौन सा अंग प्रभावित होता है-आंत

32 रेबिज के टीके की खोज किसने की-लुई पाश्चर ने

33 हैजा व टीबी के जीवाणुओं की खोज की-राबर्ट कोच(1982)

34 रक्त में पाया जाता है -लौह तत्व

35 एक्स किरणे हैं-विधुत चुम्बकीय किरणें

36 पानी में हवा का बुलबला होता है-अवतल लेंस

37 विषुवत रेखा पर किसी वस्तु का भार होगा-न्यूनतम

38 सूर्योदय से पहले सुर्य दिखने का कारण-प्रकाश का अपवर्तन

39 इन्द्रधनुष बनने का कारण-अपवर्तन

40 ताप बढने पर ध्वनि की चाल पर क्या प्रभाव पडता है-बढ़ जाती है

41 यदि हम चन्द्रमा पर से आकाश देखे तो कैसा दिखाई देगा-काला

42 यूरिया को शरीर से अलग करते हैं-गुर्दे

43 मानव त्वचा का रंग बनता है –मेनालिन के कारण

44 कच्चे फलों को पकाने में काम आता है-इथिलीन

Tuesday 24 October 2017

South Indian Beauty Tips

सौन्दर्य सेहतनामा

साउथ इंडियन ब्‍यूटी टिप्‍स

दक्षिण भारतीय महिलाएं अपने लंबे बाल, बड़ी-बड़ी आंखें व खूबसूरत त्वचा के लिए जानी जाती हैं तथा इनके सौंदर्य का रहस्य यहां की प्रकृति में छुपा है। प्रकृति से नवाज़े गए इस दक्षिण भारत में कई ऐसी खूबियां हैं जिनका इस्तेमाल यहां की महिलाएं अपने सौंदर्य को निखारने के लिए करती हैं।

1. नारियल: दक्षिण भारत में नारियल के पेड़ भारी मात्रा में पाए जाते हैं। जिसके कारण यहां के लाग अपने सारे व्यंजन नारियल के तेल में पकाते हैं। नारियल में फाइबर, विटामिन, पोषक तत्व एवं खनिज उच्च मात्रा में होते हैं। अतः नारियल को दक्षिण भारत के अधिकतक लोगों ने अपने दैनिक आहार के रुप में शामिल किया है। नारियल पानी का सेवन चेहरे की चमक को बढ़ाता है। यहां कोकनट राइज़ एवं दक्षिण भारतीय व्यंजनों के साथ नारियल की चटनी विशेष रूप से परोसी जाती है।

2. योग: योग केवल कसरत करने का ही नहीं बल्कि अपने मन को शांत करने का भी एक अच्छा तरीका है। योगा आपके मन को सुकून पहुंचाता है तथा आपकी इंद्रियों को शिथिल करता है जिसका परिणाम आपके चेहरे की चमक के माध्य से नजर आता है। योग आपको झुर्रियों, मुंहासों, अपच एवं अन्य कई समस्याओं से निजात दिलाता है। योगा, दक्षिण भारतीय महिलाओं की सेहत व खूबसूरती के पीछे छुपा एक प्रमुख कारण है।

3. आयुर्वेद: प्रकृति ने दक्षिण भारत को बखूबी नवाज़ा है। जिसके कारण यहां पाए जाने वाले अधिकतम सौंदर्य उत्पाद पूरी तरह आयुर्वेदिक होते हैं। प्राकृतिक चीजों से बने इन उत्पादों के कोई साइड इफेक्ट नहीं होते हैं तथा ये आपकी त्वचा को भीतर से पोषित करते हैं।

4. मालिश: भारत के साथ-साथ दक्षिण भारत की मसाज थेरपी पूरे विश्व में प्रसिद्ध हो गई है। दक्षिण भारत की सैर करने आए सैलानी इसका लुफ़्त उठाना नहीं भूलते। यहां की जाने वाले मालिश सैलानियों की पूरी थकन को मिटा देती है। अगर आप चाहे तो घर बैठे एक छोटी सी मसाज थेरपी को आजमा सकते हैं।

रात को सोने से पहले नारियल तेल से अपने शरीर की मालिश करें। इससे आपके रक्त परिसंचरण में सुधार होगा तथा आपकी त्वचा कोमल हो जाएगी। कई मसाज थेरपियों का उपयोग शारीरिक पीडाओं को ठीक करने के लिए किया जाता है।

5.आंखें: दक्षिण भारतीय महिलाओं की आंखें बड़ी एवं मोटी होती हैं जिन्हें वे काजल लगाकर और भी आकर्षक बनाती है। कहते हैं कि ऐसी हसीन आंखों को पाने के लिए वे अपने पैरों की मालिश तिल के तेल से करती हैं।

6 .अरोमाथेरेपी फेशियल: अरोमाथेरेपी फेशियल दक्षिण भारतीय महिलाओं के दिनचर्या का एक हिस्सा है। अरोमाथेरेपी में इस्तेमाल होने वाले सुगंधित तेल त्वचा की गहराई में जाकर समाते हैं एवं इस तरह आपकी रुखी त्वचा को कोमल बनाते हैं। अरोमाथेरेपी से आपके रक्त परिसंचरण में सुधार होता है, त्वचा मुलायम हो जाती है, झुर्रियों कम नज़र आती हैं व आपकी त्वचा की उम्र बढ़ाती हैं। ये तेल त्वचा की क्लेंजिंग के साथ-साथ आपके मन को भी सुकून प्रदान करते हैं।

7. अनुशासित जीवन शैली: एक अनुशासित जीवन शैली अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सुबह जल्दी उठना, समय पर भोजन करना व अच्छी आदतों का अनुसरण करना खूबसूरत त्वचा के पीछे छुपे कुछ मुख्य कारण है। ये मनुष्य को बाहर से ही नहीं बल्कि भीतर से भी सुंदर बनाते हैं।

8. बालों की देखभाल: आमतौर पर दक्षिण भारतीय महिलाओं के बाल काले, लंबे और घने होते हैं। अगर आप भी ऐसे बाल पाना चाहते हैं तो आपको दैनिक आधार पर कुछ नियमों का पालन करना होगा। 1 रक्त परिसंचरण को बढाने के लिए नारियल तेल से नियमित रुप से सर की मालिश करें। 2 सप्ताह में केवल दो बार अपने बालों को शैम्पू करें। 3 रसायन युक्त शैम्पू के बजाय ब्राह्मी व अमलावाले हर्बल शैम्पू का उपयोग करें।

9. बालों के लिए कुछ घरेलू उपचार: अपने बेजान बालों में जान फूंकने के लिए आपको केवल रसोई में मौजूद कुछ चीजों को इस्तेमाल करने की जरुरत है। इसका परिणाम कुछ ही हफ्तों में नज़र आएगा। कुछ सरल घरेलू उपचार: 1 घने व चमकीले बाल पाने के लिए अपने बालों पर दही लगाएं। इसे 30 मिनट तक रहने दें और फिर बाद में अपने बालों को गुनगुने पानी से धो लें। 2 रुसी से छुटकारा पाने के लिए नींबू के रस से अपने सर की मालिश करें। फिर अपने बालों को शैम्पू करें।

10. अधिक पानी पीना: अपने शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए दिन में कम से कम 8 गिलास पानी पिएं। अधिक पानी पीने से आपकी त्वचा हाइड्रेटेड रहती है जो चेहरे की चमक से झलकती है। यह खुद को स्वस्थ रखने का एक अच्छा तरीका है। पानी का सेवन अपके बालों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगा।

Fever

बुखार (Fever)
परिचय :------------------
मनुष्य के शरीर का सामान्य तापमान 98.4 डिग्री फारेनहाइट से 36.4 डिग्री सेल्सियस तक होता है। जब तापमान इससे अधिक बढ़ जाता है तो उसे बुखार कहा जाता है। यह इस बात की पुष्टि करता है कि शरीर विजातीय द्रव्यों को जलाकर अपने कार्य तंत्र की सफाई करता है और उसे दुबारा से सक्रियता प्रदान करता है। लेकिन बहुत से लोग इस स्थिति से जल्दी ही डर जाते हैं और एंटीबायोटिक औषधियों से उपचार कराने लगते हैं जिसके कारण उनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। जिससे दूसरी अन्य बीमारियों को पनपने का मौका मिल जाता है।
बुखार से एक बात का और संकेत मिलता है कि शरीर के अन्दर कोई न कोई गड़बड़ी हो गई है।
बुखार कई प्रकार का होता है जो इस प्रकार हैं:---------------
इन्फलुएंजा (फ्लू)
न्यूमोनिया
टाइफाईड
मलेरिया
बुखार होने के लक्षण:----------------
जब किसी व्यक्ति को बुखार होता है तो उसका शरीर सामान्य से अधिक गर्म हो जाता है।
कभी-कभी तो बुखार बहुत अधिक तेज हो जाता है जिसके कारण शरीर गर्म हो जाता है।
बुखार के साथ-साथ रोगी के पूरे शरीर में दर्द भी रहता है।
बुखार के कारण रोगी व्यक्ति के मुंह का स्वाद बिगड़ जाता है।
बुखार के कारण रोगी को बेचैनी तथा थकान सी महसूस होने लगती है।
बुखार हो जाने के कारण रोगी व्यक्ति कमजोर भी हो जाता है।
बुखार में ठंड लगती है और सिर तथा अन्य मांसपेशियों में दर्द होता है।
बुखार के कारण व्यक्ति की नाक तथा गले में कभी-कभी सूजन आ जाती है।
बुखार के कारण रोगी की नाक तथा आंख से पानी भी आने लगता है।
बुखार कभी-कभी तो 2-3 दिन तक रहता है लेकिन यह कभी-कभी तो 4-5 दिनों तक भी रहता है।
न्यूमोनिया बुखार हो जाने पर व्यक्ति को बुखार के साथ सांस लेने में परेशानी तथा छाती में तेज दर्द होने लगता है।
टाइफाईड बुखार रहने पर व्यक्ति को सुबह के समय में तो बुखार कम रहता है लेकिन शाम के समय में बुखार तेज हो जाता है और यह बुखार व्यक्ति को कई दिनों तक रहता है।
टाइफाईड बुखार से पीड़ित रोगी को भूख भी कम लगती है, रोगी की जीभ लाल हो जाती है, रोगी की पीठ, कमर, टखने तथा सिर में दर्द रहता है और इस रोग के कारण व्यक्ति की तिल्ली (प्लीहा) तथा जिगर बढ़ जाते हैं। कभी-कभी तो रोगी की आंतों से खून भी निकलने लगता है।
मलेरिया बुखार के कारण रोगी व्यक्ति को ठंड लगकर बुखार होता है तथा सिर में दर्द तथा पैरों में दर्द होता रहता है। इसके कुछ समय बाद रोगी को पसीना आकर बुखार तेज हो जाता है।
बुखार होने के कारण:-----------------------
गलत तरीके के खान-पान (भोजन खाने का तरीका) से शरीर में विजातीय द्रव्य बहुत अधिक बढ़ जाते हैं जिसके कारण मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और शरीर में बैक्टीरिया, कीटाणु तथा वायरस आदि पनपने लगते हैं जिसके कारण व्यक्ति को बुखार हो जाता है।
बुखार कई प्रकार के कीटाणुओं के संक्रमण के कारण भी हो सकता है।
जिस किसी मनुष्य में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। उस व्यक्ति को यदि किसी प्रकार से सूजन या चोट लग जाए तो उसे बुखार हो सकता है।
मलेरिया बुखार एनोफिलीज नामक एक विशेष प्रकार के मच्छर के काटने से हो जाता है।
बुखार का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:--------------------
बुखार को ठीक करने के लिए सबसे पहले रोगी व्यक्ति को तब तक उपवास रखना चाहिए जब तक कि उसके बुखार के लक्षण दूर न हो जाए। फिर इसके बाद दालचीनी के काढ़े में कालीमिर्च और शहद मिलाकर खुराक के रूप में लेना चाहिए। इससे रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलता है।
अगर किसी व्यक्ति को न्यूमोनिया बुखार है तो उसे लहसुन का काढ़ा बनाकर पिलाना चाहिए।
रोगी को उपवास रखने के बाद धीरे-धीरे फल खाने शुरू करने चाहिए तथा इसके बाद सामान्य भोजन सलाद, फल तथा अंकुरित दाल को भोजन के रूप में लेना चाहिए।
बुखार रोग से पीड़ित रोगी के बुखार को ठीक करने के लिए प्रतिदिन रोगी को गुनगुने पानी का एनिमा देना चाहिए तथा इसके बाद उसके पेट पर मिट्टी की गीली पट्टी लगानी चाहिए और फिर आवश्यकतानुसार गर्म  या ठंडा कटिस्नान तथा जलनेति क्रिया भी करानी चाहिए।
यदि बुखार बहुत तेज हो तो रोगी के माथे पर ठंडी गीली पट्टी रखनी चाहिए तथा उसके शरीर पर स्पंज, गीली चादर लपेटनी चाहिए और फिर इसके बाद गर्म पाद स्नान क्रिया करानी चाहिए।
जिस समय बुखार तेज न हो उस समय रोगी से कुंजल क्रिया करानी चाहिए। इससे रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलता है।
यदि रोगी व्यक्ति को बुखार के कारण ठंड लग रही हो तो उसके पास में गर्म पानी की बोतल रखकर उसे कम्बल ओढ़ा देना चाहिए। इससे रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलता है।
रोगी के शरीर पर घर्षण क्रिया करने से बुखार बहुत जल्दी ठीक हो जाता है।
इस रोग से पीड़ित रोगी को पूर्ण रूप से विश्राम करना चाहिए तथा इसके बाद रोगी को अपना इलाज प्राकृतिक चिकित्सा से कराना चाहिए।
बुखार से पीड़ित रोगी को सूर्यतप्त नीली बोतल का पानी 2-2 घंटे पर पिलाने से बुखार जल्दी ठीक हो जाता है।
शीतकारी प्राणायाम, शीतली, शवासन तथा योगध्यान करने से भी रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलता है।
रोगी व्यक्ति को ठंडा स्पंज स्नान या ठंडा फ्रिक्शन स्नान कराने से शरीर में फुर्ती पैदा होती है और बुखार भी उतरने लगता है।
रोगी की रीढ़ की हड्डी पर बर्फ की मालिश करने से बुखार कम हो जाता है।
इस रोग से पीड़ित रोगी को खुले हवादार कमरे में रहना चाहिए, हलके आरामदायक वस्त्र पहनने चाहिए तथा पर्याप्त आराम करना चाहिए।
जब रोगी व्यक्ति का बुखार उतर जाता है और उसकी जीभ की सफेदी कम हो जाती है तो उसे फलों का ताजा रस पीकर उपवास तोड़ देना चाहिए और इसके बाद रोगी को कच्चे सलाद, अंकुरित दालों व सूप का सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से दुबारा बुखार नहीं होता है।
इस रोग से पीड़ित रोगी को संतरे का रस दिन में 2 बार पीना चाहिए इससे बुखार जल्दी ही ठीक हो जाता है।
इस रोग से पीड़ित रोगी को तुलसी के पत्तों का सेवन करने से बहुत अधिक लाभ मिलता है।
तुलसी की पत्तियों को उबालकर उसमें कालीमिर्च पाउडर और थोड़ी चीनी मिलाकर पीने से आराम मिलता है।
बुखार से पीड़ित रोगी को दूध नहीं पीना चाहिए लेकिन यदि दूध पीने की इच्छा हो तो इसमें पानी मिलाकर हल्का कर लेना चाहिए तथा इसमें 1 चम्मच शहद मिलाकर पीना चाहिए। ध्यान रहे कि इसमें चीनी बिल्कुल भी नहीं मिलानी चाहिए।
 प्रबन्धक
Svm Institute of Naturopathy and para medical sc.
         महासचिव
Indian yog and Naturopathy Association
                अध्यक्ष
All india ruhal federation
9416154548,7015911400